Top latest Five हल्दी के चमत्कारी फायदे Urban news

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हल्दी के एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुणों को संधिशोथ, जोड़ों के दर्द और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस में मदद करने के लिए भी फायदेमंद पाया गया है। यह ऑस्टिओआर्थरिटिस और रूमेटाइड गठिया, दोनों प्रकार के गठिया में फायदेमंद होती है। गठिया में हल्दी के सेवन से जोड़ो में होने वाले दर्द और सूजन, दोनों में रहत मिलती है।

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आयुर्वेदिक चिकित्सा में हल्दी का उपयोग कई वर्षों से किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसे हरिद्रा कहते है। हल्दी भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया का पौधा है। यह एक बारहमासी पौधा है इसके पौधे में फूल आते है।

मसालों के मामले में भारत एक धनी देश है। यहां अलग-अलग व्यंजनों के लिए सामान्य से लेकर खास मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, इनमें कुछ ऐसे भी मसाले हैं, जिन्हें अपने औषधीय गुणों की वजह से आर्युवेद में विशेष स्थान दिया गया है। हल्दी इन्हीं में से एक है। माना जाता है कि स्वास्थ्य के लिए हल्दी के फायदे अनेक हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हल्दी के औषधीय गुण बताने जा रहे हैं। यहां आप जान पाएंगे कि सामान्य सी दिखने वाली हल्दी का उपयोग किस प्रकार शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है। हल्दी के फायदे के साथ इस लेख में हल्दी के नुकसान के बारे में भी बताया गया है। लेख को पढ़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि हल्दी किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, यह केवल समस्या से बचाव और उनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकती है।

अनार के फायदे और विभिन्न रोगो में प्रयोग की विधि की जानकारी

हल्दी में पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण इसे गठिया जैसे रोगो को दूर करने की एक प्रभावशाली औषधि बनाते है। जोड़ों में सूजन के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को गठिया रोग के नाम से जाना जाता है। गठिया जैसे रोगो को दूर करने क लिए हल्दी का उपयोग सदियों पहले से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा और पूर्वी एशियाई चिकित्सा में किया जाता है।

शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने में एंटी ऑक्सीडेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं डायबिटीज दिल की बीमारियां गठिया तथा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए बॉडी को एंटीऑक्सीडेंट्स तत्वों की आवश्यकता होती है। इस लिए नियमित हल्दी के सेवन से शरीर स्वस्थ रहने के साथ-साथ त्वचा में भी निखार आता है। हल्दी, सी फूड्स और मछलियों में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

हल्दी खून के थक्के के बनने की प्रक्रिया को धीमा करती check here है, इसलिए जिन्हे रक्त स्त्राव का खतरा हो, वो हल्दी का सेवन न करें।

इसका विशेष तौर पर मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। खाने के साथ ही इसे सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग व और भी तरह की बिमारियों में प्रयोग किया जाता है।

हल्दी को हम दूध के साथ या पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। रोगग्रस्त जगा इसको लगाने से बहुत जल्दी फायदा मिलता है।

गर्भवती महिला को हल्दी का सेवन संभलकर करना चाहिए, गर्म तासीर वाली हल्दी ज्यादा मात्रा में खाने से गर्भपात का खतरा हो सकता है।

यहां हम हल्दी के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं –

पेट के कीड़े भी पाचन तंत्र के खराब होने के कारण होती है। हल्दी पाचक एवं कृमिघ्न गुण होने के कारण यह पेट के कीड़ों से भी राहत दिलाती है।  

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